स्टॉक की कमी या ओवरस्टॉक – E-commerce Seller कैसे बैलेंस बनाए?

E-commerce में असली सिरदर्द – या तो माल नहीं होता या ज़रूरत से ज़्यादा भरा पड़ा होता है
जब ऑर्डर आता है और स्टॉक खत्म हो जाता है – तो बिक्री हाथ से निकल जाती है।
और जब स्टॉक ज़रूरत से ज़्यादा हो जाता है – तो पैसा फँसा रहता है, और warehouse की जगह भी।

 1. स्टॉक की कमी (Stock Shortage) – इससे कैसे बचें?
समस्या:

प्रोडक्ट आउट ऑफ स्टॉक होते ही सेल मिस हो जाती है
कस्टमर नाराज़ होता है
Amazon/Flipkart पर रैंकिंग डाउन जाती है
समाधान:
✅ अपनी top selling items की रिपोर्ट हर हफ्ते निकालें
✅ एक minimum stock alert सेट करें (Excel, Zoho या कोई Inventory tool)
✅ “Low Stock” पर खुद या स्टाफ को WhatsApp अलर्ट सेट करें
✅ सप्लायर से अच्छे terms रखें ताकि जल्दी refill हो सके

2. ओवरस्टॉक (Overstock) – इससे कैसे बचें?
समस्या:

सेल नहीं हो रही लेकिन माल warehouse में पड़ा है
पैसा ब्लॉक हो जाता है
expiry risk बढ़ता है (specially FMCG, cosmetic)
समाधान:
✅ हर महीने slow-moving inventory की रिपोर्ट निकालें
✅ ऐसे प्रोडक्ट्स पर offer/coupon/deal चलाओ
✅ कम demand वाले SKU को दोबारा मंगवाना बंद करो
✅ Combo offer या Clearance sale से माल खाली करो

3. Inventory बैलेंस करने के Smart Tips:

जो प्रोडक्ट नहीं बिकता, उसकी लिस्ट बनाओ – उसे हटाओ
Google Sheets, Zoho Inventory, or even a simple Excel से शुरुआत करो
Sale season से 15 दिन पहले Buffer Stock बढ़ा लो

🔚 निष्कर्ष:
स्टॉक की कमी और ओवरस्टॉक दोनों ही बिजनेस को नुकसान देते हैं।
स्मार्ट seller वही होता है जो दोनों के बीच बैलेंस बनाकर चलता है।

ना कम – ना ज़्यादा, जितना ज़रूरी हो, उतना स्टॉक रखो।

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